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आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को शिक्षित करना कार्यकत्री की जिम्मेदारी

By Studygovtsresult - Mar 18,2023
आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को शिक्षित करना कार्यकत्री की जिम्मेदारी

आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को शिक्षित करना कार्यकत्री की जिम्मेदारी – Overview

Name of post :आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को शिक्षित करना कार्यकत्री की जिम्मेदारी
Qualification :आंगनवाड़ी
Location :india

आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को शिक्षित करना कार्यकत्री की जिम्मेदारी : आंगनबाडी केंद्रों पर बच्चों की पढ़ाई को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है, इसको लेकर नए आदेश भी जारी हो रहे हैं. इसी सत्र से शिक्षा विभाग आंगनबाडी केंद्रों के बच्चों को प्री-प्राइमरी के तहत शिक्षित करने की दिशा में कदम उठा रहा है. केंद्रों पर डेस्क, किताबें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, उसी क्रम में जिलों में हमारे बच्चों के आंगनों का आयोजन किया जा रहा है।

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उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हमारा आंगन हमारे बच्चे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी से जुड़े बच्चों का प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन कराना है, ताकि उनकी पढ़ाई जारी रहे. आंगनबाडी केन्द्रों पर कार्यकर्ता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।

आंगनवाड़ी केंद्र क्या है?

आंगनवाड़ी भारत में एक प्रकार का बाल और मातृ देखभाल केंद्र है। आंगनवाड़ी केंद्र (AWCs) एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना का एक हिस्सा हैं, जो केंद्र सरकार की एक योजना है।

यह योजना 2 अक्टूबर 1975 को भारत में शुरू की गई थी। यह भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जो बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित है। इस योजना की लागत का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार और शेष 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

ये आंगनवाड़ी केंद्र बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हैं। यह भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है। इन आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण शिक्षा के साथ-साथ प्री-स्कूल गतिविधियां भी शामिल हैं। इन केंद्रों पर गर्भनिरोधक सलाह भी दी जाती है।

इन आंगनवाड़ी केंद्रों का मुख्य उद्देश्य 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करना है। ये केंद्र बच्चे के उचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक विकास की नींव रखने का काम करते हैं। इन केंद्रों में बाल विकास को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है।

Source www.aanganwadiuttarpradesh.com/


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